Tuesday, September 13, 2016

गैबीनाथ शिव मंदिर, बिरसिंहपुर

यह मंदिर सतना ज़िला के बिरसिंपुर क्षेत्र मे है. यह लोगो के आस्था का प्रतिक है.

यह मंदिर मैं भक्त जानो की बहुत आस्था है .यहाँ हर सोमवार ,अमावस्या और सावन की महीने मे भक्त जानो की बहुत भीड़ रहती है.आज  समीप ही एक बड़ा तालाब है. लोग इस तालाब से जल भरकर भगवान शिव को चढ़ते है. लोग यहाँ मन्नत मागते है और मन्नत पूरी होने पर भंडार करते है. तालाब के दूसरे और माँ पार्वती का मंदिर है. भक्त जन  भगवान शिव और माँ पार्वती का गाठ जुड़ाव भी करते है. एक कई धर्मसालय भी है.यहाँ एक लोक कथा भी है:- ऐसा कहा जाता है एक बार यहाँ एक मुग़ल सुल्तान ने भगवान शिव  की मूर्ति को काटने का प्रयास किया था तब मूर्ति से एक और दूध ,दूसरी तरफ से पानी ,तीसरी तरफ से खून निकला था .इस का प्रमाण आज भी मिलता है. मूर्ति मे आज भी तीन और से कटे होने का प्रमाण है.
यह मंदिर सतना ज़िला के बिरसिंपुर क्षेत्र मे है. यह लोगो के आस्था का प्रतिक है.
यह मंदिर मैं भक्त जानो की बहुत आस्था है .यहाँ हर सोमवार ,अमावस्या और सावन की महीने मे भक्त जानो की बहुत भीड़ रहती है.आज  समीप ही एक बड़ा तालाब है. लोग इस तालाब से जल भरकर भगवान शिव को चढ़ते है. लोग यहाँ मन्नत मागते है और मन्नत पूरी होने पर भंडार करते है. तालाब के दूसरे और माँ पार्वती का मंदिर है. भक्त जन  भगवान शिव और माँ पार्वती का गाठ जुड़ाव भी करते है. एक कई धर्मसालय भी है.यहाँ एक लोक कथा भी है:- ऐसा कहा जाता है एक बार यहाँ एक मुग़ल सुल्तान ने भगवान शिव  की मूर्ति को काटने का प्रयास किया था तब मूर्ति से एक और दूध ,दूसरी तरफ से पानी ,तीसरी तरफ से खून निकला था .इस का प्रमाण आज भी मिलता है. मूर्ति मे आज भी तीन और से कटे होने का प्रमाण है.

नजदीक एयरपोर्ट - जबलपुर

नजदीक रेलवे स्टेशन -सतना
लोग यहाँ सड़क मार्ग से भी आ सकते है.
       

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