विराट मंदिर मध्य प्रदेश के शहडोल मे स्तिथ है| यह एक शिव मंदिर है| इसे कलचुरी राजा महाराजा युवराज देवा यह 950 ईस्वी और 1050 ईस्वी गोलककी मठ के आचार्य करने के लिए इसे पेश करने के बीच बनाया गया था। मंदिर अब भारतीय स्मारकों और भारत की विरासत संगठन पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा एक मान्यता होने और राष्ट्रीय विरासत स्मारक के रूप में घोषित किया है। इस 70 फुट ऊंचाई मंदिर के परिसर में पहुंचने पर एक कलचुरी उम्र वास्तुकला के इस खूबसूरत उदाहरण मिल सकते हैं।आसन नृत्य में महावीर, शिव और पार्वती की मूर्ति, सरस्वती, गणेश, विष्णु,की प्रतिमा है |कई कामुक आंकड़े खजुराहो की मूर्तियों के करीब समानता है। मंदिर समवयस्क अवधि के चंदेल और परमार कला का प्रभाव पड़ता है।ऐसा कहा जाता है यहाँ पर पांडव ने एक वर्ष का अज्ञातवाश पूरा किया था|इस मंदिर के निकट ही एक कुआ है . कुछ समय पहले कुआ की सफाई के समय काफी पुरातत्व सम्बंधित सामान मिला था| इस किया के अंदर से एक गुप्त रास्ता भी है जो सोहागपुर के किले से का के मिलता है ऐसा लोगो का कहना है.
इस मंदिर के नजदीक भगवन गणेश,राम भगवान का मंदिर भी है|
हर साल १४ जनवरी को यहाँ ७ दिन का मेला लगता है| नगर पालिका की तरफ से यहाँ पर अति सुन्दर पार्क भी बनाया गया है.
इस मंदिर के नजदीक भगवन गणेश,राम भगवान का मंदिर भी है|
हर साल १४ जनवरी को यहाँ ७ दिन का मेला लगता है| नगर पालिका की तरफ से यहाँ पर अति सुन्दर पार्क भी बनाया गया है.
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Virat temple shahdol |
Atisundar
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